Madhu Arora

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लेखनी कहानी -21-Feb-2022माँ शारदे

माँ शारदे


अवतरण दिवस मां शारदे
प्रकृति भी मुस्काई है।
नव पल्लव हुए पल्लवित
धरा पर रौनक आई है।

पीले फूल पीली सरसों 
 गेहूं पर सुंदर बाली आई।
 स्वर्णिम सी आभा देखो
  खेतों पर लहराई है।
  
  वातावरण सुगंधित हुआ 
  प्रीत के भाव जगाए है।
  देखो देखो सुंदर फूल
  दिल को बहुत लुभाए हैं।
  
  बुद्धि की मां शारदे 
  तुमको मै  प्रणाम करूंँ
  पीत वस्त्र तुम धारण कर लो
   पीले चावल का भोग लगा लो।
  
 केसर का तिलक लगाओ
   आराधना करें आशीष पाओ।
   अंधकार को दूर है करती
   ज्ञान का है प्रकाश है करती।
   
 अंधकार को दूर करो मां
  मधु के उर प्रकाश भरो मां।
  कृपा अपनी मुझ पर कर दो 
  वाणी में मेरे अमृत भर दो।
 
 छंदों का मुझे ज्ञान करा दो
 भाषा मेरी अलंकृत कर दो।
 विद्या की मां शारदे 
 तुम्हें प्रणाम तुम्हें प्रणाम।।
           रचनाकार ✍️
           मधु अरोरा

     

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7 Comments

Arman

02-Mar-2022 10:18 AM

Nice

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Pamela

01-Mar-2022 05:54 PM

Bahut khoob

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Marium

01-Mar-2022 02:57 PM

Nice

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